investing & trading में क्या अंतर है, फ़ायदा नुक्सान, हिंदी में 2023

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Investing aur trading me kya different hai

निवेश और ट्रेडिंग में क्या अंतर है :- यदि आप लोग गूगल पर सर्च करते होंगे इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग में क्या अंतर है तो आप लोगों को यहां पर विस्तार से हिंदी में बताया गया है आखिर यह दोनों में क्या अंतर है और उनके फायदे तथा नुकसान के बारे में भी इस आर्टिकल के अंदर लिखा गया है यदि आप लोग शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हैं तथा इस में रुचि रखते हैं तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है की investing & trading में क्या अंतर है यदि इसके बारे में नहीं जानते हैं तो यहां पर आप जान जाएंगे आखिर यह दोनों होता क्या है।

आप लोग तो जानते ही होंगे अभी के समय में शेयर मार्केट से बहुत से ज्यादा कस्टमर सर लाखों रुपया निकाल लेते हैं तथा यहां पर स्टॉक मार्केट में आप लंबे समय तक स्टॉक को खरीद कर अपना लाभ कमा सकते हैं इसीलिए आप इसमें पैसा लगाने का सोच रहे हैं तो यह जान ले तथा इनके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें तभी आप इन से पैसा कमाने के बारे में सोचे नहीं तो आपका पैसा नुकसान में बदल जाएगा।

यह शुरू करते हैं निवेश तथा ट्रेडिंग में क्या अंतर है यदि आप लोगों को कोई भी प्रश्न हो तो मुझे कमेंट बॉक्स में करके बताएं आप लोगों को उस प्रश्न का उत्तर रिप्लाई में मिल जाएगा और इस पोस्ट को पूरा पढ़ना ना भूले अगर पूरा नहीं पढ़ते हैं तो आप नहीं जान पाएंगे इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग में क्या अंतर है तो इसके लिए मैं नीचे दिए गए आर्टिकल में ले चलता हू।

investing aur trading me kya diffrence hai

  1. Time Horizon:
    • इन्वेस्टिंग: इन्वेस्टरों का आमतौर पर एक लंबी अवधि का दृष्टिकोण होता है, जिसमें वे संपत्ति को वर्षों या तो दशकों तक रखने का लक्ष्य रखते हैं।
    • ट्रेडिंग: ट्रेडर्स का संकेत स्वरूप छोटी समयावधि का होता है और वे संकेत के मूल्य में छोटी समयिक प्रवृत्तियों से लाभ कमाने का लक्ष्य रखते हैं। उनकी होल्डिंग अवधि कुछ सेकंड से कुछ महीनों तक हो सकती है।
  2. Objective:
    • इन्वेस्टिंग: निवेश का प्राथमिक उद्देश्य लंबी अवधि में संपत्ति बनाना होता है, जिसमें मूल्य में वृद्धि की क्षमता रखने वाली मौलिक तात्विक संपत्तियों का चयन किया जाता है।
    • ट्रेडिंग: ट्रेडर्स का लक्ष्य लाभ कमाना होता है, जो केवल संपत्ति के मौलिक मूल्य से अपेक्षाहीन लंबी समयिक प्रवृत्तियों का उपयोग करके होता है।
  3. Strategy:
    • इन्वेस्टिंग: इन्वेस्टर आमतौर पर एक खरीद-और-धारण की रणनीति का पालन करते हैं, जहां उन्होंने कंपनी या संपत्ति के मौलिक तत्वों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया होता है और लंबी अवधि की वृद्धि की क्षमता के आधार पर निवेश के निर्णय लेते हैं।
    • ट्रेडिंग: ट्रेडर्स तकनीकी विश्लेषण, चार्ट पैटर्न, और बाजारी संकेतकों के अध्ययन से संकेतों की छोटी समयिक प्रवृत्तियों की पहचान करने और बार-बार खरीदारी और बिक्री सौदों को प्रयोग करके निवेश करते हैं।
  4. Risk and Return:
    • इन्वेस्टिंग: निवेश करने में ट्रेडिंग की तुलना में कम जोखिम होता है, क्योंकि इसमें दर दर बाजार की हलचल को नजरअंदाज कर लंबी अवधि के लिए निवेश किया जाता है। लाभ आमतौर पर लंबी अवधि में प्राप्त होते हैं।
    • ट्रेडिंग: ट्रेडिंग में ज्यादा जोखिम होता है क्योंकि इसमें संपत्ति को तेजी से खरीद और बेचने का अवसर मिलता है, और नुकसान का पोतेंशियल बड़ा हो सकता है। ट्रेडर्स छोटी समयावधि में लाभ या हानि का अनुभव कर सकते हैं।

इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग

  1. Time Commitment:
    • इन्वेस्टिंग: इन्वेस्टिंग कम सक्रिय संलग्नता की मांग करता है क्योंकि यह लंबी अवधि की होल्डिंग और कम संचार का मतलब होता है। यह उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो अपने निवेशों को प्रबंधित करने के लिए अधिक पासिव तरीके का प्रयोग करना चाहते हैं।
    • ट्रेडिंग: ट्रेडिंग काफी समय और ध्यान की मांग करती है क्योंकि ट्रेडर्स बाजारी स्थितियों का सतर्कतापूर्वक मॉनिटर करते हैं, सौदों को कार्यान्वित करते हैं, और छोटी समयिक मूल्य चलनों का विश्लेषण करते हैं। यह उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो ट्रेडिंग गतिविधियों को समर्पित करने के लिए काफी समय दे सकते हैं।
  2. Skill Requirements:
    • इन्वेस्टिंग: जबकि ज्ञान और शोध निवेश निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण हैं, इन्वेस्टिंग आमतौर पर विशेषीकृत ट्रेडिंग कौशल की आवश्यकता नहीं होती है।
    • ट्रेडिंग: सफल ट्रेडिंग करने के लिए तकनीकी विश्लेषण, जोखिम प्रबंधन, और बाजार की गतिविधियों की गहरी समझ की आवश्यकता होती है। ट्रेडर्स को विशेष कौशल विकसित करने की आवश्यकता होती है और बाजार के नवीनतम ट्रेंड में अद्यतित रहने की आवश्यकता होती है।

ध्यान दें, ये अंतर निश्चित नहीं हैं, और इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग के बीच एक संघटना हो सकती है। कुछ निवेशक कभी-कभी छोटी समयावधि के ट्रेडिंग में भी शामिल होते हैं, और कुछ ट्रेडर्स के पास लंबी समयावधि के निवेश के पद हो सकते हैं। इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग के बीचे चुनाव एक व्यक्ति के वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता, समय समर्पण, और व्यक्तिगत पसंदों पर निर्भर करता है।

निवेश और ट्रेडिंग में कोन अच्छा होता है

किसी भी व्यक्ति के लिए “इन्वेस्टिंग” और “ट्रेडिंग” में से कौन सा अच्छा होता है यह निर्धारित करना व्यक्तिगत पसंदों, वित्तीय लक्ष्यों, और व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है:

  1. समय समर्पण: ट्रेडिंग काफी सक्रियता और समय समर्पण की मांग करता है, क्योंकि यह छोटी समयावधि में बाजारी करने को शामिल करता है। इसके लिए आपको निरंतर बाजार की नजर रखनी होगी और ट्रेडों को कार्यान्वित करना होगा। इन्वेस्टिंग इसके मुकाबले कम समय और सक्रियता की आवश्यकता करता है।
  2. जोखिम सहनशीलता: ट्रेडिंग में जोखिम की गहराई अधिक होती है। छोटी समयिक प्रवृत्तियों के कारण, लाभ और हानि दोनों की संभावना बड़ी होती है। इसके खिलाफ, इन्वेस्टिंग में जोखिम नियंत्रित रहता है क्योंकि इसमें लंबी अवधि की होल्डिंग होती है और मूल्यों में छोटी समयिक परिवर्तनों का प्रभाव कम होता है।
  3. वित्तीय लक्ष्य: इन्वेस्टिंग का मुख्य लक्ष्य लंबी अवधि में संपत्ति की वृद्धि होता है, जबकि ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य छोटी समयावधि में लाभ कमाना होता है। इन्वेस्टिंग में धीरे से बढ़ती मूल्यों और वित्तीय योजनाओं के बारे में अच्छी रणनीति बहुत महत्वपूर्ण होती है।
  4. ज्ञान और कौशल: ट्रेडिंग के लिए तकनीकी विश्लेषण, मार्केट डायनामिक्स, और बाजारी कौशल की गहरी समझ की आवश्यकता होती है। इसके बिना, ट्रेडिंग सफल नहीं हो सकती है। इन्वेस्टिंग में भी विशेष ज्ञान और शोध की आवश्यकता होती है, लेकिन यह ट्रेडिंग के माध्यम से प्राप्त कौशल की तुलना में कम होती है।

यदि आप धैर्य और समय समर्पण के साथ धीरे-धीरे मूल्य बढ़ते संपत्ति की वृद्धि करना चाहते हैं, तो इन्वेस्टिंग आपके लिए अच्छा हो सकता है। वहीं, यदि आपको छोटे समयांतर में लाभ कमाना और तेजी से बदलते बाजार में शामिल हो

इन्वेस्टिंग के फायदे

  1. दीर्घकालिक वृद्धि: इन्वेस्टिंग का मुख्य लक्ष्य वृद्धि की संपत्ति का निर्माण होता है। यदि आप दीर्घकालिक निवेश करते हैं, तो आप लंबी अवधि में मूल्यों की बढ़त से लाभान्वित हो सकते हैं।
  2. धीरे-धीरे बढ़ने वाली जोखिम: इन्वेस्टिंग के माध्यम से आप अपने निवेश के जोखिम को धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं। यह लंबी अवधि के लिए संपत्ति के मूल्य में होने वाले छोटे-मोटे परिवर्तनों का अनुभव कम करता है।
  3. निवेश संरचना का बनाना: इन्वेस्टिंग आपको वित्तीय संरचना का निर्माण करने में मदद कर सकता है। आप निवेश योजना तय करके लंबी अवधि में वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजना बना सकते हैं।
इन्वेस्टिंग के नुकसान
  1. मूल्य की गिरावट: बाजार में मूल्यों में कमी के कारण, इन्वेस्टिंग में नकारात्मक रिटर्न की संभावना होती है। इसके कारण निवेशकों को नकारात्मक अर्थिक प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।
  2. लंबी अवधि का इंतजार: इन्वेस्टिंग धीरे-धीरे बढ़ती संपत्ति के लिए होता है, जिसके लिए आपको लंबी अवधि का इंतजार करना पड़ सकता है। यदि आप तत्परता के साथ नहीं रहेंगे, तो आपको लंबी अवधि तक अपने निवेश का प्राप्त फायदा नहीं मिल सकता है।
ट्रेडिंग के फायदे
  1. छोटी समयावधि में लाभ: ट्रेडिंग के माध्यम से, आप छोटे समयावधि में लाभ कमा सकते हैं। यदि आप बाजार के क्षणिक मूल्य परिवर्तनों को सही ढंग से विश्लेषण कर सकते हैं, तो आप तत्परता के साथ लाभ कमा सकते हैं।
  2. सक्रियता और आवागमन: ट्रेडिंग में सक्रियता और आवागमन का अनुभव होता है। आपको निरंतर बाजार की नजर रखनी होती है और तत्पर रहने की आवश्यकता होती है।
ट्रेडिंग के नुकसान
  1. जोखिम: ट्रेडिंग में जोखिम की मात्रा अधिक होती है। यह छोटी समयावधि में खरीदारी और बिक्री की गतिविधियों को सम्पन्न करने के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप आप तेजी से लाभ कमा सकते हैं, लेकिन तेजी से नुकसान भी हो सकता है।
  2. समय और ध्यान: ट्रेडिंग काफी समय और ध्यान की मांग करती है। आपको निरंतर बाजार की नजर रखनी होती है, बाजारी संकेतों का विश्लेषण करना होता है, और तत्पर रहने की आवश्यकता होती है। यह उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है जो समय की कमी या अन्य प्रतिबंधों के कारण इस समय का समर्पण नहीं कर सकते हैं।
  3. तकनीकी ज्ञान: ट्रेडिंग के लिए तकनीकी ज्ञान और विश्लेषण का अच्छा समझ होना आवश्यक होता है। इसके बिना, ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
  4. तेजी से नुकसान: ट्रेडिंग में, तेजी से नुकसान हो सकता है। यदि आप बाजार में गलती करते हैं

FAQ

इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
    • इन्वेस्टिंग एक लंबी अवधि के लिए संपत्ति की वृद्धि का मकसद रखता है, जबकि ट्रेडिंग छोटी समयावधि में लाभ कमाने का प्रयास करता है। इन्वेस्टिंग में निवेशक उचित मूल्य में खरीदारी करके संपत्ति को धीरे-धीरे बढ़ाने का प्रयास करते हैं, जबकि ट्रेडिंग में ट्रेडर शीघ्र बाजार में खरीदारी और बिक्री करते हैं ताकि छोटे समयावधि में लाभ प्राप्त करें।

इन्वेस्टिंग के लिए कितना समय चाहिए?

    • इन्वेस्टिंग लंबी अवधि की धारणा पर आधारित होता है, इसलिए इसमें कई सालों तक समय लग सकता है। आपके निवेश के परिणाम बहुत समय बाद दिखने की संभावना होती है, इसलिए धैर्य के साथ निवेश करना आवश्यक है।

ट्रेडिंग के लिए कितना समय चाहिए?

    • ट्रेडिंग छोटी समयावधि के लिए होता है और यह त्रुटिपूर्ण निवेशों के बजाय व्यापारिक कारोबार पर आधारित होता है। ट्रेडिंग द्वारा प्राप्त लाभ के लिए कुछ हफ्तों, दिनों या घंटों तक की समयावधि शामिल हो सकती है।

इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग में कौन सा ज्यादा जोखिमपूर्ण है?

    • ट्रेडिंग इन्वेस्टिंग के मुकाबले ज्यादा जोखिमपूर्ण होता है। ट्रेडिंग में छोटी समयावधि के कारण अधिक उच्च-निम्न मूल्य स्तर, वोलेटिलिटी और तत्परता की आवश्यकता होती है, जिसके कारण नुकसान का खतरा भी बढ़ जाता है।
इन्वेस्टिंग या ट्रेडिंग, किसे चुनें?
    • इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग का चयन व्यक्ति के वित्तीय लक्ष्यों, समय और ध्यान की उपलब्धता, और रिस्क टोलरेंस पर निर्भर करेगा। इन्वेस्टिंग वित्तीय सुरक्षा और दीर्घकालिक वृद्धि के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है, जबकि ट्रेडिंग छोटी समयावधि में लाभ कमाने के लिए अधिक उपयुकत हो सकती है। आपको अपने वित्तीय लक्ष्य, रिस्क टोलरेंस, और समय उपलब्धता को मध्यस्थ करते हुए चयन करना चाहिए।

क्या मैं इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग दोनों को साथ में कर सकता हूँ?

    • जी हां,